दिल्ली पब्लिक स्कूल, रामकृष्ण पुरम के तत्वावधान में संस्कृत विभाग द्वारा “संस्कृत एवं संस्कृति : एक आह्वान” विषय पर कक्षा आठवीं से दसवीं तक के छात्रों के लिए एक अतिथि वक्ता कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार, 4 जून 2021 को दोपहर 2:00 बजे किया गया।
कार्यक्रम का आरंभ दसवीं कक्षा की आद्या श्रीवास्तव द्वारा सरस्वती वंदना से हुआ |
इस कार्यक्रम में डॉ. प्रतिभा पाण्डेय अतिथि वक्त्री के रूप में आमंत्रित थीं । विद्यालय , महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय सभी स्तरों पर अध्यापन कार्य कर चुकीं डॉ. प्रतिभा पाण्डेय 20 वर्षों से अध्यापन के क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं एवं गत 15 वर्षों से दिल्ली पब्लिक स्कूल, नोएडा में कार्यरत हैं |
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. पाण्डेय ने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए उनसे संस्कृत एवं संस्कृति को जानने के लिए कहा | उन्होंने कहा कि इस नवीन युग में हम जिस संस्कृति का अनुसरण कर रहे हैं उस पाश्चात्य संस्कृति का पहला चरण तब शुरू हुआ जब हमारी पुरातन संस्कृति कई हजारों वर्ष पुरानी हो चुकी थी | उन्होंने मैकॉले द्वारा लिखे हुए पत्र को छात्रों के समक्ष प्रस्तुत किया जिसमें मैकॉले ने ब्रिटिश सरकार को भारतीयों को अपने अधीन करने का उपाय उन्हें अपनी संस्कृति से दूर करना बताया | चीन देश भी कैसे हमारी संस्कृति एवं संस्कृत भाषा से प्रभावित हुआ, यह उन्होंने एक वीडियो के द्वारा दिखाया |
कार्यक्रम के अगले चरण में, मंच संचालकों – नव्या गर्ग (10 J) एवं मौर्य जैन (10 J) ने कक्षा आठवीं के छात्रों को बुलाते हुए प्रश्न-उत्तर का सेशन शुरू किया | क्यों संस्कृत भाषा कंप्यूटर के लिए सर्वोत्तम है? , संस्कृत क्यों पढ़नी चाहिए? , संस्कृत भाषा के श्रवण एवं वाचन कौशल को कैसे बढ़ाया जाए? – इन सभी प्रश्नों का उत्तर अतिथि वक्त्री ने पूरे धैर्य से देते हुए छात्रों की जिज्ञासाओं को शांत किया | अंत में संस्कृत अध्यापिका श्रीमती रुपाली महिन्द्रु ने धन्यवाद ज्ञापन दिया |कार्यक्रम का संयोजन श्रीमती प्रियंवदा ने किया।